Sanveg kya hai aur Sanvegatmak Vikash (What is momentum and emotional development)

संवेग क्या है और संवेगात्मक विकास 

आज का युग विकास का युग है, और इस विकास में भारत ने एक नया मोड़ लिया है - संवेग. यह शब्द ही नहीं, बल्कि एक नई सोच का प्रतीक है जो भारतीय उद्यमिता को नए ऊंचाइयों की ओर बढ़ने के लिए मोटिवेट कर रहा है. संवेग ने भारतीय विकास को एक नए आयाम में ले जाने का कारगर रास्ता दिखाया है, जिससे समृद्धि की नई ऊंचाइयों की प्राप्ति हो सकती है।

संवेग का अर्थ:

"संवेग" शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका मतलब होता है 'तेजी' या 'गति'। संवेग विकास में तेजी और गति का एक नया सिद्धांत है, जिससे समाज, अर्थव्यवस्था, और सामाजिक संरचना में सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है। यह न केवल एक शब्द है, बल्कि एक दिशा, एक उद्देश्य, और एक समृद्धि की कविता है।

संवेगात्मक विकास का मतलब:

संवेगात्मक विकास का अर्थ है एक ऐसे विकास की प्रक्रिया जो तेजी से हो, सबको समेत लेकर, और स्थायी रूप से सुस्त समृद्धि दिखाने की क्षमता रखे। इसका मुख्य उद्देश्य समाज की सभी वर्गों को समृद्धि के लाभों से योजना बनाना है, जिससे न्यूनतम स्तर पर भी लोग जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकें।

संवेगात्मक विकास के लिए कारगर उपाय:

शिक्षा में सुधार:

संवेगात्मक विकास का पहला और सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ शिक्षा है। एक राष्ट्र की सामरिक और आर्थिक समृद्धि का बहुत बड़ा हिस्सा शिक्षा में होता है। उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा से नौजवानों को नए विचार और ऊँचाइयों की दिशा मिलती है, जिससे वे समाज में अच्छी तरह से योगदान दे सकते हैं।

उद्यमिता की प्रोत्साहन:

संवेगात्मक विकास के लिए उद्यमिता को प्रोत्साहित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकारें और समाज को उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नीतियों को बनाना चाहिए जो नए विचारों को प्रोत्साहित करें और नए व्यापारीय परियायों को बढ़ावा दें।

सुशासन:

एक सुशासन से भरी सरकार भी एक समृद्धि मुखी राष्ट्र के लिए आवश्यक है। सुशासन न केवल नियमों का पालन करता है, बल्कि व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी सुरक्षित और निष्कर्ष बनाए रखता है।

प्रौद्योगिकी और अनुसंधान:

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचारों को बढ़ावा देना और अनुसंधान को प्रोत्साहित करना भी संवेगात्मक विकास की कुंजी है। नए और सुरक्षित तकनीकी समाधानों से समृद्धि के क्षेत्र में नई दिशा मिल सकती है।

संवेगात्मक विकास के फायदे:

रोजगार के अवसर:

संवेगात्मक विकास से नए उद्यमों का निर्माण होगा, जिससे अधिक लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा।

आर्थिक समृद्धि:

समृद्धि के क्षेत्र में गति और तेजी से होने से राष्ट्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

अधिकतम उत्पादन:

उद्यमिता और नए तकनीकी समाधानों के प्रोत्साहन से उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे बाजार में अधिकतम उत्पाद उपलब्ध होंगे।

सामाजिक समृद्धि:

समृद्धि से जुड़ी आय में वृद्धि से सामाजिक समृद्धि होगी, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में सुधार होगा।

संवेगात्मक विकास एक सुरक्षित, समृद्धि मुखी, और समृद्धि योजनाओं की दिशा में हमें अग्रणी बनाए रखने का एक माध्यम है। यह न केवल राष्ट्र को आर्थिक सुरक्षा देगा, बल्कि समृद्धि के सभी वर्गों को उठाने का भी साधन होगा। संवेगात्मक विकास ने भारत को नए आयाम में ले जाने का संकेत किया है, जिससे हम सभी को गर्व महसूस हो रहा है कि हम एक समृद्धि भरी भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।

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